समूह की महिलाएं घर की आर्थिक स्थिति को मजबूत करने में निभा रही अहम भूमिका

समूह की महिलाएं घर की आर्थिक स्थिति को मजबूत करने में निभा रही अहम भूमिका
 
महिलाएं लिख रही है स्वावलंबन की कहानी
 
गौठान की आय से गांव में महिला ने बनवाया शिव मंदिर 
रायपुर / राज्य सरकार की महत्वाकांक्षी सुराजी गांव योजना से स्व-सहायता समूह की महिलाओं के जीवन में खुशहाली आ रही है।महिलाएं अब अपने परिवार के आय में अपना योगदान कर रही है।समूह की महिलाएं गौठान में आजीविका मूलक गतिविधियों से जुड़कर स्वावलंबन की कहानी गढ़ रही है। तिल्दा विकासखंड के ग्राम मुड़पार के गौठान में स्व - सहायता समूह की महिलाएं गोबर खरीदी, वर्मी कंपोस्ट उत्पादन, बाड़ी विकास, आदि का कार्य कर आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर हो रही है।
 
   मूढ़पार गौठान में 10 महिलाएं कार्य कर रही है और स्वावलंबन की ओर बढ़ रहीं हैं। गौठान की सदस्य धनेश्वरी धीवर ने बताया कि गौठान में वर्मी उत्पादन से 2 लाख 23 हज़ार की आय हुई है।ऐसे ही बाड़ी में सब्जी से 20 हज़ार की आमदनी प्राप्त कर चुकी है।इसके अलावा मुर्गी पालन से लगभग 10 हजार की आय समूह को हुई है। समूह की ही अन्य सदस्य सरस्वती धीवर ने बताया की वह गौठान में 3 साल से जुड़ी है और गौठान से अच्छी आय अर्जित कर रही है। उन्होंने बताया कि गौठान से हुई आय से उन्होंने गांव में भगवान शंकर का मंदिर भी बनवाया है।

   स्व-सहायता समूह की अन्य महिलाओं का कहना है कि गौठान से जुड़कर कार्य करने के बाद उनका आत्मविश्वास बढ़ा है। पहले घर में चूल्हा चौकी का ही कार्य करती थी, अब वह अपने पति के साथ कंधे से कंधा मिलाकर घर की आर्थिक स्थिति को मजबूत करने में अपना योगदान दे रही है।समूह की महिलाओं ने बताया कि विभागीय अधिकारियों द्वारा उन्हें वर्मी कंपोस्ट खाद बनाने के लिए प्रशिक्षण भी दिया गया है।

    उल्लेखनीय है कि राज्य सरकार द्वारा नरवा, घुरवा गरवा बाड़ी योजना अंतर्गत गौठान स्थापित किया गया है। गौठान में विभिन्न आय मूलक गतिविधियां संचालित की जा रही है जिससे महिलाएं स्वावलंबी बन रही है और उनके द्वारा उत्पादित वर्मी खाद को हमारे किसान भाइयों द्वारा ही उपयोग किया जा रहा है।