अरूण सिसोदिया के पत्र ने कांग्रेस पार्टी में मचाई हलचल, धूंआ के साथ उठी आग की लपटे

अरूण सिसोदिया के पत्र ने कांग्रेस पार्टी में मचाई हलचल, धूंआ के साथ उठी आग की लपटे

रायपुर न्यूज/ कांग्रेस पूर्व महासचिव अरूण सिसोदिया के द्वारा जारी एक पत्र ने कांग्रेस राजनीति में हलचल पैदा कर दी है सिसोदिया द्वारा जारी पत्र जोरों से वायरल हो रहा है जिससे कांग्रेस राजनीति में धूंआ के साथ ही आग की लपटे भी देखी जा सकती है सिसोदिया ने जो आरोप पत्र में लिखा है उससे यही लग रहा है कि कांग्रेस पार्टी के अंदरुनी खेल का पर्दाफाश धीरे-धीरे होता दिख रहा है एक ओर जहां कार्यकर्ताओं के नाराजगी का सामना करना पड़ रहा है वहीं पार्टी के नेता पूर्व महासचिव अरूण सिसोदिया द्वारा  5 करोड़ 89 लाख रू गबन किए जाने आरोप लगाते हुए बड़ा खुलासा कर जांच की मांग की है मालूम हो कि अरूण सिसोदिया ने आरोप लगाया है कि पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के राजनीतिक सलाहकार विनोद वर्मा और कांग्रेस पार्टी के कोषाध्यक्ष रामगोपाल अग्रवाल द्वारा कांग्रेस कोष से मिलीभगत कर 5 करोड़ 89 लाख रुपए बिना किसी जानकारी के खर्च कर गबन करना तथा विनोद वर्मा के बेटे के टेसू मीडिया लैब गाजियाबाद स्थित कंपनी को 5 करोड़ 89 लाख रुपए भुगतान होने का गंभीर आरोप लगाया गया ,पत्र में आगे कहा गया कि तत्कालीन पीसीसी चीफ़ मोहन मरकाम तथा प्रभारी महामंत्री के बिना जानकारी व बिना अनुमति के इतनी बड़ी रकम का गबन किया गया है अरूण सिसोदिया ने पार्टी अध्यक्ष से 5 करोड़ 89 लाख रू गबन के मामले में जांच की मांग की है ।
सवाल -- कांग्रेस पार्टी के अंदर इतनी बड़ी षड्यंत्र कर 5 करोड़ 89 लाख रू गबन किया जाता है और किसी को भनक तक नहीं लगी ऐसा कैसे हो सकता है चूंकि एक मामला पूर्व में मुख्यमंत्री सचिवालय से स्वेक्षानुदान राशि गबन किए जाने का मामला सामने आया है स्वेक्षानुदान राशि गबन किए जाने को लेकर तत्कालीन सचिवालय के चेतन भघोरिया द्वारा सिविल लाइन थाने में शिकायत दर्ज कराई गई है जो कि प्रकरण न्यायालय में विचाराधीन है परंतु सवाल अब भी बनी हुई है कि स्वेक्षानुदान राशि जारी किए जाने के दौरान कई टेबलों से जांच कर आगे बड़ाई जाती है उसके बावजूद मुख्यमंत्री सचिवालय से स्वेक्षानुदान राशि का गबन किया जाना बड़ी आश्चर्यजनक बात है और अभी कांग्रेस पार्टी के अरूण सिसोदिया द्वारा लगाए जा रहे 5 करोड़ 89 लाख रू गबन किए जाने की बात यह तो समझ से परे है आखिर कांग्रेस शासनकाल में हो क्या रहा था और जिम्मेदार लोग मौन होकर किस बात का इंतजार कर रहे थे आखिर अंदर चल क्या रहा था, शासन चली गई, कार्यकर्ता नाराज, पार्टी नेता द्वारा लगाए जा रहे गबन का आरोप, आगे क्या क्या आरोप लगते हुए खुलासा होगा यह आने वाले समय पर निर्भर करता है।