गरियाबंद जिले अंतर्गत के 65 घरों के आदिवासियों के वन भूमि अधिकार के हित में गोंडवाना गणतंत्र पार्टी ने मुख्यमंत्री के नाम सौंपा ज्ञापन की मांग।

गरियाबंद जिले अंतर्गत  के 65 घरों के आदिवासियों के वन भूमि अधिकार के हित में गोंडवाना गणतंत्र पार्टी ने मुख्यमंत्री के नाम सौंपा ज्ञापन की मांग।

ब्रेकिंग न्यूज/ गरियाबंद जिले के अंतर्गत परिक्षेत्र इंदगाव बीट बनवा पारा आरक्षित वन कम्पार्टमेन्ट कक्ष क्रमांक 1243,1244 में विगत वर्ष 2005 के पूर्व से काबिज आदिवासियों को कार्यालय उपनिदेशक उदंती सीतानदी टाइगर रिजर्व गरियाबंद द्वारा वन्यजीव संरक्षण अधिनियम 1972 की धारा 34 (क) एवं भारतीय वन अधिनियम 1927 (संशोधन) 1965 की धारा 80(क) के तहत हटाये जाने को लेकर नोटिस जारी करने के विरोध में गोंडवाना गणतंत्र पार्टी द्वारा मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपा गया गोंडवाना गणतंत्र पार्टी के रायपुर संभाग अध्यक्ष फरीद कुरैशी  ने बताया कि वन परिक्षेत्र इंदगाव धुरवागुडी के अंतर्गत फरसरा बीट के आरक्षित वन कम्पार्टमेन्ट क्र 1214 में 0.005 हे, में झोपड़ी एवं बाडी बनाकर तथा 1.283हे, में खेती करने के उद्देश्य से विगत वर्ष 2005 से पूर्व निवास कर अपनी आजीविका चलाते आ रहें हैं जिसे उदंती सीतानदी टाइगर रिजर्व कार्यालय गरियाबंद द्वारा 65 घरों  के आदिवासी समुदाय को हटाये जाने का  आदेश कर हटाये जाने का फरमान जारी किया गया है जिसका गोंडवाना गणतंत्र पार्टी विरोध करती है राजधानी हलचल टीम को अध्यक्ष ने बताया कि विगत वर्षों कई आदिवासी गांव, आदिवासी समुदाय सीतानदी उदंती टाइगर रिजर्व को क्रिटिकल वाइल्डलाइफ हैविटेट के रूप में वर्गीकृत किये पर विरोध किया गया विरोध पश्चात सरकार ने संज्ञान लेते हुए अन्ततः उनके अधिकारों को मान्यता दी है छत्तीसगढ़ शहरी में वन संसाधन अधिकारों को मान्यता देने वाला पहला राज्य बना है इंदागांव के निवासरत आदिवासियों के अधिकारों की सुरक्षा के मद्देनजर गोंडवाना गणतंत्र पार्टी उदंती सीतानदी टाइगर रिजर्व उपनिदेशक द्वारा वन आदिवासियों को हटाये जाने को लेकर नोटिस जारी किए जाने का पुरजोर विरोध करती है गोंडवाना गणतंत्र पार्टी के प्रदेश महासचिव अजय चकोले ने कहा कि गरियाबंद जिले अंतर्गत 65 घरों के आदिवासियों के साथ खिलवाड़ किया जा रहा है उन्हें वन अधिकार से वंचित किया जाना आदिवासी समुदाय के अधिकारों का हनन है 65 घरों के गांवो के बच्चों की शिक्षा अधिकार कानून का हनन किया जा रहा है महासचिव ने बताया कि वन भूमि अधिकार अधिनियम की धारा 3(1) के तहत भी परिभाषित किया गया है इसमें स्वामित्व का अधिकार, निपटान, व्यक्तिगत या सामान्य कब्जे के तहत निवास के लिए या आजीविका के लिए स्व - खेती के लिए वन भूमि पर कब्जा करने रहने का अधिकार शामिल हैं व्यक्तिगत अधिकार मुख्य रूप से निवास या आजीविका के लिए और सामुदायिक अधिकारों के दावे जन निकायों, चारागाह या किसी अन्य पारंपरिक मौसमी संसाधन पहुंच के उपयोग के लिए दायर किये जाते हैं धारा 3 (1) (ई) के तहत आदिम जनजाति समूहों और पूर्व कृषि समुदायों के निवास के लिए सामुदायिक दावे किए जा सकते हैं। आदिवासियों के साथ हो रहें अत्याचार और वन भूमि अधिकार से वंचित किए जाने के विरोध में गोंडवाना गणतंत्र पार्टी ने मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपकर आदिवासियों के वन भूमि अधिकार पत्र प्रदान करने व आदिवासी वन अधिकार की सुरक्षा के लिए मांग पत्र ज्ञापन सौंपा गया। /विशेष खबर/ गोंडवाना गणतंत्र पार्टी द्वारा मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपा गया उस दौरान  मुख्यमंत्री निवास   में लगे सुरक्षाकर्मी से ज्ञापन पत्र के प्रतिकापी पर पावती (रिसिव) ना दिये जाने व मुख्यमंत्री का आदेश होना बताकर रिसिविंग ना दिए जाने पर गोंडवाना गणतंत्र पार्टी के प्रदेश महासचिव अजय चकोले व कार्यकर्ताओं के साथ हल्की बहसबाजी हुई महासचिव ने आरोप लगाया कि मुख्यमंत्री महोदय को किन्हीं पीड़ित व्यक्तियों द्वारा आवेदन किये जाने पर पावती ना देकर अपनी जिम्मेदारीयो से पीछे हट रहे हैं महासचिव ने आरोप लगाते हुए कई सवाल खड़े किए हैं, मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपे जाने के दौरान गोंडवाना गणतंत्र पार्टी के प्रदेश महासचिव अजय चकोले, रायपुर संभाग अध्यक्ष फरीद कुरैशी, रायपुर संभाग उपाध्यक्ष संदीप पाल ,सी पी एम पार्टी पश्चिम बंगाल के नेता सीकांतो कुंडू दादा सहित गोंडवाना गणतंत्र पार्टी कार्यकर्ता उपस्थित रहे।