प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना की जिला स्तरीय समन्वय समिति की बैठक

प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना की जिला स्तरीय समन्वय समिति की बैठक

जिले के मछली पालकों के लिए 31 करोड़ रूपये की कार्य योजना का अनुमोदन

साढ़े छह सौ से अधिक मछली पालकों को मिलेगा लाभ

प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना की जिला स्तरीय समन्वय समिति की बैठक

रायपुर /रायपुर जिले में 31 करोड़ 5 लाख रूपये की लागत से मछली पालन को बढ़ावा देने के लिए विस्तृत कार्य योजना का अनुमोदन हो गया है। साढ़े छह सौ से अधिक मछली पालकों को फायदा पहुंचाने वाली इस कार्य योजना का अनुमोदन कलेक्टर डाॅ. सर्वेश्वर भुरे की अध्यक्षता में प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना की जिला स्तरीय समन्वय समिति की बैठक में किया गया। इस योजना के तहत मछली पालकों को 40 से लेकर 60 प्रतिशत तक शासकीय सहायता मिलेगी। योजना के क्रियान्वयन में 60 प्रतिशत राशि केन्द्र सरकार द्वारा और 40 प्रतिशत राशि राज्य सरकार द्वारा व्यय की जाएगी। बैठक में कलेक्टर ने मछली पालन को बढ़ावा देने के लिए शासकीय योजनाओं को व्यापक प्रचार-प्रसार करने और मछली पालन की नई तकनीकों से मछली पालकों को प्रशिक्षित कराने के भी निर्देंश अधिकारियों को दिए। उन्होंने स्वीकृत की गई कार्य योजना के अनुसार जल्द से जल्द हितग्राही चयन कर निर्माण कार्य आदि शुरू कराने के निर्देंश भी मछली पालन विभाग के अधिकारियों को दिए। जिला स्तरीय समन्वय समिति की बैठक में जिला पंचायत के सीईओ श्री अबिनाश मिश्रा, इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय में मत्स्य विशेषज्ञ, कृषि, जल संसाधन, लीड बैंक और मछली पालन विभाग के अधिकारियों सहित प्रगतिशील मत्स्य कृषक भी शामिल हुए।
बैठक में मछली उत्पादन और उत्पादकता बढ़ाने के लिए साढ़े तीन करोड़ रूपये की कार्य योजना का अनुमोदन किया गया। इस राशि में जिले में 4 नई मीठे पानी की फिनफिश हैचरी की स्थापना, 11 नये बीज उत्पादक तालाबों का निर्माण, 11 नये ग्रो आउट तालाबों के निर्माण के साथ इनमें स्केंपी, पंगासियस, तिलापिया आदि मछलियों के कम्पोजिट उत्पादन के लिए आदान सामग्रियों आदि के लिए मछली पालकों को सहायता दी जाएगी। बैठक में मछली पालक पालकों की आय बढ़ाने के लिए सजावटी मछलियों के उत्पादन-संवर्धन और नई तकनीकों का उपयोग कर मछली उत्पादन को बढ़ाने केे लिए भी कार्य योजना का अनुमोदन किया गया। सजावटी मछली पालन के लिए 14 नई इकाईयों की स्थापना को मंजूरी दी गई। इसके साथ ही 30 छोटे मध्यम आकार की बायोक्लाक और बैटयाड मिनी आरएएस इकाईयों की स्थापना के लिए 6 करोड़ 27 लाख रूपये की कार्य योजना को भी बैठक में अनुमोदित किया गया। मछली पालन के लिए बुनियादी ढांचे को सुदृण करना और मछली के समुचित रखरखाव के लिए पोस्ट हारवेस्ट प्रबंधन पर भी लगभग 20 करोड़ रूपये की कार्य योजना का अनुमोदन बैठक में किया गया। न्यूनतम दस टन की क्षमता वाले 4 नये कोल्ड स्टोरेज का निर्माण, एक पूर्व से स्थापित कोल्ड स्टोरेज का आधुनिकी करण, 3 रेफ्रिजिरेटेड वाहन, आईस बाॅक्स युक्त 25 मोटर सायकिल, 3 ई-रिक्सा, 17 लाईव फिस वेडिंग सेंटर सहित मछलियों के लिए पूरक आहार बनाने की 12 यूनिट्स स्थापना को भी बैठक ने मंजूरी दी गई। मछुआरों की सुरक्षा और मछली संग्रहण के लिए 500 मछुआरा परिवारों को मछली पकड़ने पर रोक की अवधि के दौरान साढ़े 22 लाख रूपये की आर्थिक सहायता दिए जाने को भी बैठक में अनुमोदित किया गया।