छत्तीसगढ़ माध्यमिक शिक्षा मंडल के पास नहीं है संचालित प्राइवेट स्कूलों का रिकॉर्ड,

छत्तीसगढ़ माध्यमिक शिक्षा मंडल के पास नहीं है संचालित प्राइवेट स्कूलों का रिकॉर्ड,

ब्रेकिंग न्यूज/ रायपुर --- राजधानी रायपुर स्थित छत्तीसगढ़ माध्यमिक शिक्षा मंडल के पास नहीं है संचालित प्राइवेट स्कूलों का रिकॉर्ड, बिना मान्यता के चल रही अधिक संख्या में प्राइवेट स्कूल, मालूम हो कि रायपुर व ग्रामीण क्षेत्रों में बिना मान्यता प्राप्त स्कूलों का संचालन किया जा रहा है जिसमें नर्सरी कक्षा से लेकर उच्च शिक्षा 12 कक्षा तक की स्कूले शामिल हैं बिना मान्यता प्राप्त स्कूल के संचालक, प्रार्चाय द्वारा अपनी मनमानी करते नजर आ रहे हैं छत्तीसगढ़ माध्यमिक शिक्षा मंडल के अधीन ऐसे कई स्कूल ना होने की स्थिति में स्कूल संचालकों/ प्रार्चायो द्वारा स्कूली बच्चों की फीस अपने मनमाने ढंग से वसूल रहे हैं ऐसा ही एक मामला रायपुर शहर के रायपुर कांवेंट स्कूल शिवानंद नगर खमतराई के प्रार्चाय द्वारा मनमानी किया जा रहा है स्कूली बच्चों को दिए जाने वाली छात्रवृत्ति (स्कालरशिप) में भी हेराफेरी किया गया है विगत वर्षो में अध्यनरत स्कूली बच्चों की छात्रवृत्ति / स्कालरशिप प्रदान नहीं किया गया प्रार्चाय द्वारा कहा जाता है कि छात्रवृत्ति छत्तीसगढ़ माध्यमिक शिक्षा मंडल द्वारा प्रदान किए जाते हैं अगर किसी स्कूली बच्चों को छात्रवृत्ति नहीं दिया गया है तो उसकी जिम्मेदारी स्कूल का नहीं है आप छत्तीसगढ़ माध्यमिक शिक्षा मंडल से जाकर पूछें, यही नहीं रूकती इनकी मनमानी इस स्कूल (रायपुर कांवेंट) द्वारा कई कुछ ऐसे स्कूली बच्चों का स्कूल मार्कशीट व टी सी (शाला स्थानांतरण प्रमाणपत्र) भी रोक दिया गया जो स्कूली बच्चे व पालक द्वारा स्कूल फीस जमा करने में असमर्थ हैं उन स्कूली बच्चों को मार्कशीट / टी सी नहीं दिया जा रहा है तथा मार्कशीट व टी सी नहीं देने की स्थिति में ऐसे कई स्कूली बच्चों का आगामी शिक्षा से वंचित हो रहे हैं जबकि खास बात यह है कि छत्तीसगढ़ राज्य बाल संरक्षण आयोग द्वारा जारी आदेश का भी उलंघन खुलेआम करते नजर आ रहे हैं मालूम हो कि छत्तीसगढ़ राज्य बाल संरक्षण आयोग ने एक मामले को लेकर अपने आदेश में कहा है कि बाल अधिकार संरक्षण आयोग अधिनियम 2005 की धारा 13(ज) 14 में प्रदत्त शक्तियों का उपयोग कर अनिवार्य शिक्षा अधिनियम के नियमों के विपरित उक्त स्कूलों द्वारा कार्य नहीं किया जा सकता है तथा ऐसे स्कूलों द्वारा कार्य करते पाए जाने पर स्कूली बालक के उज्ज्वल शिक्षण में घोर बाधा उत्पन्न होने तथा उक्त स्कूल के प्रार्चाय प्रबंधन के विरुद्ध विधिसम्मत आवश्यक कार्यवाही करते हुए अविलंब छात्र को अंकसूची व टी सी (शाला स्थानांतरण प्रमाणपत्र) तत्काल उपलब्ध कराये जाने का आदेश जारी किया गया है परन्तु रायपुर कांवेंट स्कूल शिवानंद नगर के प्रार्चाय द्वारा जारी आदेश का उलंघन कर अपनी जिम्मेदारीयो से पीछे हटकर अपनी मनमानी करते नजर आ रही है साथ ही स्कूल प्रबंधन द्वारा अपनी स्कूल नियम बनाए गए हैं कि अगर किसी स्कूली बच्चे की फीस जमा नहीं हुई है तो उसे परीक्षा में शामिल नहीं किया जायेगा प्रार्चाय का मौखिक रूप से कहना है कि यह हमारी स्कूल के नियमों का हिस्सा है, जब स्कूली बच्चों के माता पिता / पालकों द्वारा बकाया फीस जमा की जाती है तब उक्त स्कूली बच्चों को परीक्षा में शामिल किया जाता है खास बात यह है कि ऐसे स्कूल के संचालक/प्रार्चायो द्वारा अपने मनमानी नियम तो बनाकर बैठें हुए हैं पर छत्तीसगढ़ माध्यमिक शिक्षा मंडल द्वारा बनाए गए नियमों को ताक पर रखकर बनाएं गए नियमों की धज्जियां उड़ाते नजर आ रहे हैं छत्तीसगढ़ माध्यमिक शिक्षा मंडल के द्वारा बनाए गए मापदंडों/ नियमों के अनुसार  स्कूल संचालित नहीं किया जा रहा है नियमों के विपरित स्कूल संचालित किया जा रहा है शहर व ग्रामीण क्षेत्रों में ऐसे स्कूलो को देखा जा सकता है जो नियमों व मापदंडों के विपरित संचालित करते नजर आ रहे हैं सूत्रों के अनुसार शहर व ग्रामीण क्षेत्रों में बिना मान्यता प्राप्त स्कूल संचालित किया जा रहा है जिसमें चैतन्य स्कूल, महर्षि विद्या मंदिर, के पी एस स्कूल जैसे तमाम स्कूल नजर आ रही है जल्द ही ऐसे स्कूलों के खिलाफ समाजिक कार्यकर्ता, संगठनों, अन्य माध्यमों से छत्तीसगढ़ माध्यमिक शिक्षा मंडल/ बाल अधिकार संरक्षण आयोग से शिकायत कर निष्पक्ष जांच करने तथा आवश्यक रूप से अनिवार्य शिक्षा अधिनियम के विपरित जाकर स्कूली बच्चों के उज्ज्वल शिक्षण भविष्य में बाधा उत्पन्न कर भविष्य से खिलवाड़ करने के आरोप में जल्द शिकायत दर्ज कराई जानें की तैयारी समाजिक कार्यकर्ता संगठनों तथा पालकों द्वारा किया जाना सुनिश्चित किए गए हैं जिससे ऐसे स्कूलों का पर्दाफाश हो सके ।