वन अधिकार पट्टा के अभाव में गोगपा व ग्रामीण आदिवासी समुदाय ने राज्यपाल को सौंपा ज्ञापन की मांग।
रायपुर न्यूज/ पीड़ित ग्रामीण वासीयों के अधिकारों से वंचित किये जाने तथा भू अधिकार पट्टा ना मिलने एवं वन विभाग टाईगर रिजर्व गरियाबंद के मनमानी ढंग आदेश से परेशान हताश ग्रामीणों ने रायपुर संभाग अध्यक्ष फरीद कुरैशी गोंडवाना गणतंत्र पार्टी के नेतृत्व में महामहिम राज्यपाल महोदय को ज्ञापन सौप कर अपनी मांगे रखी गई मालूम हो कि वन अधिकार भू पट्टा से वंचित किए जाने,सीतानदी टाईगर रिजर्व वन विभाग द्वारा ग्रामीण आदिवासियों के साथ अत्याचार कर ग्रामीण आदिवासियों के घरों को तोड़फोड़ देने बच्चों को शिक्षा से वंचित करने वन विभाग द्वारा आदिवासी समुदाय के महिलाओं के साथ अभद्र व्यवहार करने वर्षों से निवासरत आदिवासी ग्रामीणों को भगाएं जाने से रूष्ट आदिवासी समुदाय के पीड़ित ग्रामीण काफी संख्या में राज्यपाल को अपनी मांगों को लेकर ज्ञापन सौंपने पहुंचे पीड़ित आदिवासी ग्रामीणों का आरोप है कि हमें हमारी अधिकारों से वंचित किया जा रहा है हम काफी वर्षों से निवासरत है सीतानदी टाईगर रिजर्व वन विभाग द्वारा हमे अपने गांव से खदेड़ा जा रहा है विरोध करने पर हमारे घरों को तोड़फोड़ कर क्षत विक्षत कर हमारी आजीविका के साधन को नष्ट किया जा रहा है आदिवासी समुदाय के महिलाओं से दुर्व्यवहार कर रहे हैं भू अधिकार - भूमि पट्टे ना दिए जाने से हमें वंचित किया जा रहा है संभाग अध्यक्ष फरीद कुरैशी ने बताया कि सरकार की आड़ लेकर सरकारी नुमाइंदे,वन विभाग अपनी मनमानी पर उतर आए हैं भू अधिकार अधिनियम के तहत वर्षों से निवासरत ग्रामीण आदिवासियों को भूमि पट्टा ना देकर शासकीय दस्तावेजों से छेड़छाड़ किया जा रहा है वर्षों से निवासरत ग्रामीण आदिवासियों को कागज़ी दस्तावेजों में कुछ वर्ष पूर्व निवासरत दिखाई जा रही है जो कि वर्षों से काबिज आदिवासी समुदाय के ग्रामीणों के जीवन, सुरक्षा, बच्चों की शिक्षा, जीवन यापन के साथ खिलवाड़ किया जा रहा है साथ ही ग्रामीण आदिवासी समुदाय की महिलाओं पुरूषों के द्वारा विरोध किए जाने पर उनकी झोपड़ी - घरों को तोड
दी जा रही है आदिवासी समुदाय की महिलाओं के साथ अभद्र व्यवहार किया जा रहा है ऐसा प्रतीत होता है कि कहीं ना कहीं सरकारी नुमाइंदे अपनी जल जंगल जमीन के साथ खिलवाड़ करने पर उतारू हो गए चूंकि जल जंगल जमीन की रक्षा रखवाली करने वषों से ग्रामीण आदिवासी करते आ रहे हैं कुरैशी ने यह भी बताया कि सरकार द्वारा भू अधिकार अधिनियम लागू कर आदिवासी समुदाय ग्रामीणों को वन भूमि अधिकार पट्टा प्रदान कर रही वहीं दूसरी ओर ऐसे आदिवासी समुदाय के ग्रामीणों को वन अधिकार भू पट्टा से वंचित किया जा रहा है गोंडवाना गणतंत्र पार्टी के इंद्रजीत युवा मोर्चा ने बताया कि महासमुन्द, गरियाबंद, जैसे कई गांवों में जहां आदिवासी समुदाय निवास करते आ रहे हैं उन्हें भू अधिकार पट्टा प्रदान ना कर वन विभाग अपनी मनमानी करते हुए मासूम आदिवासी ग्रामीणों को परेशान कर रहे हैं शिक्षा अध्यनरत स्कूली बच्चों के जीवन के साथ खिलवाड़ किया जा रहा है सरकार ऐसे गैर शासकीय, गैर जिम्मेदार अधिकारियों कर्मचारियों पर अंकुश लगाना तो दूर की बात है सरकार द्वारा भू अधिकार पट्टा से भी वंचित किया जाना बड़ी साज़िश किए जाने की ओर इशारा करती नजर आ रही है, गोंडवाना गणतंत्र पार्टी के गरियाबंद जिला अध्यक्ष टीकम नागवंशी ने सरकार पर आरोप लगाया कि सरकार के इशारे पर हम आदिवासियों पर अत्याचार किया जा रहा है चूंकि जब सरकार द्वारा अन्य आदिवासी समुदाय ग्रामीणों को भू अधिकार पट्टा वितरण कर रही है तो हमें इससे वंचित क्यों किया जा रहा है वन परिक्षेत्र में वर्षों से निवासरत आदिवासी समुदाय के लोगों के साथ मारपीट किया जाना, घरों को आग के हवाले कर मासूम आदिवासी ग्रामीणों, बच्चों को बेघर किया जाना , शासकीय दस्तावेजों से छेड़छाड़ कर हमें वर्षों से निवासरत ना दर्शा कर कुछ ही साल से रहना दिखाकर हमें अपनी संस्कृति अधिकारों से वंचित किया जाना यह कहां का कानून हैं हम सभी पीड़ित आदिवासी ग्रामीण सरकार के पास अपनी उचित मांगों को लेकर आएं हुए हैं राजधानी हलचल टीम को संभाग अध्यक्ष फरीद कुरैशी ने कहा कि पूर्व में पीड़ित आदिवासियों की बड़ी समस्या,वन विभाग गरियाबंद द्वारा किए जा रहे मासूम ग्रामीणों के साथ अत्याचार, वर्षों से निवासरत आदिवासी समुदाय ग्रामीणों को भू अधिकार पट्टा प्रदान किए जाने को लेकर श्री मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपा गया है वहीं मुख्यमंत्री निवास में तैनात सुरक्षाकर्मीयो द्वारा मुख्यमंत्री के नाम सौंपा गया मांग ज्ञापन पत्र पर पावती (रिसिव)नहीं दिए जाने पर बहसबाजी भी होना बताया गया अध्यक्ष कुरैशी ने कहा कि सरकार के नुमाइंदों द्वारा पेसा कानून का उलंघन किया जा रहा है सरकार पेसा कानून को कड़ाई से पालन करने दिशा निर्देश जारी करें कुरैशी ने यह भी बताया कि आदिवासियों की पारंपरिक प्रणाली को मान्यता दी गई. इस कानून को वर्ष 1996 में कुछ अपवादों एवं संशोधनों के साथ संविधान (Constitution) के भाग 9 (पंचायतों से संबंधित) के प्रावधानों (Provisions) को अनुसूचित क्षेत्रों (Scheduled areas) तक विस्तारित करने के लिए अधिनियमित किया गया पेसा कानून का मूल मकसद सत्ता का विकेंद्रीकरण है जिसमे ग्रामसभा को स्वायत्त संस्था के रूप मान्यता दी गई है जिसमे कार्यपालिका और विधायिका के समान अधिकार होंगे। यह वास्तविक रूप में गांधी जी के ग्राम स्वराज या स्वशासन को धरातल पर उतारने का कानून है।
अध्यक्ष कुरैशी ने कहा कि मुख्यमंत्री के नाम सौंपे गए मांग ज्ञापन पत्र पर किसी भी प्रकार से संज्ञान नहीं लिए जाने पर गोंडवाना गणतंत्र पार्टी ने माननीय राज्यपाल महोदय को अपनी उचित मांगों को लेकर ज्ञापन सौंपने पहुंचे राज्यपाल महोदय की अनुपस्थिति में अधिकृत अधिकारी द्वारा आदिवासियों की भू अधिकार पट्टा एवं अन्य समस्याओं को लेकर चर्चा कर ज्ञापन सौंपा गया, ज्ञापन सौंपे जाने के दौरान गोंडवाना गणतंत्र पार्टी के रायपुर संभाग अध्यक्ष फरीद कुरैशी,टीकम नागवंशी जिला अध्यक्ष, इंद्रजीत धुर्व युवा मोर्चा,सुबरन शोरी,अमर सिंह नाग,जय सिंह धुर्व, अमित नेताम,हेलो मोहली , सुभाष नागेश, भुनेश्वर कोराम, रामेश्वर मरकाम,तीरथ मरकाम, काफी संख्या में पीड़ित आदिवासी समुदाय ग्रामीणों के साथ गोंडवाना गणतंत्र पार्टी कार्यकर्ता उपस्थित रहे।