गृह मंत्री के निर्देश के बाद डीजीपी अशोक जुनेजा
रायपुर : न्यूज/ प्रदेश में सरकार तो बदल गई मगर पुलिस प्रशासन आज भी पुराने ढर्रे में चल रहा है डीजीपी अशोक जुनेजा जो पूर्ववर्ती सरकार में महज एक रबर स्टाम्प बनकर कार्य किये नतीजतन डीजीपी अशोक जुनेजा की बातों को अभी भी पुलिस अधीक्षक और आईजी गंभीरता से नही ले रहें हैं।
जिसका उदाहरण ऐसे देख सकते है जैसे ही गृहमंत्री विजय शर्मा ने गृह मंत्रालय की कमान संभाली वैसे ही सबसे पहला कार्य नशे के कारोबार पर अंकुश लगाने के साथ साथ कार्यवाही करने के निर्देश दिए थे वही पुलिस प्रशासन द्वारा नशे के विरुद्ध मुहिम चलाये जाने की बात कही गई थी ।
गृह मंत्री के निर्देश के बाद डीजीपी अशोक जुनेजा ने 27 दिसम्बर को वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिये पुलिस अधीक्षक और आईजी को गृह मंत्री के निर्देश से अवगत कराते हुए कार्यवाही करने का आदेश दिया था मगर पुलिस महकमे में डीजीपी की बातों का कोई असर आज तक नही हुआ और अधिकांश जिलों में नशे के खिलाफ किसी प्रकार की कोई मुहिम नजर नही आई इससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि डीजीपी अशोक जुनेजा की बातों को उनके कनिष्ठ अधिकारी कितना गंभीरता से ले रहे है ।
इस गंभीर मसले पर गंभीरता न दिखाने की भनक जैसे ही गृह मंत्री को लगी उन्होने अफसरों की जमकर क्लास ले ली तब जाकर पुलिस महकमा हरकत में आया और एसपी आईजी के व्हाट्सअप ग्रुप में अर्जेंट मीटिंग का मैसेज अपडेट हुआ । एसपी , आईजी को दो टुक बात कहा गया कि आज 12 बजे डीजीपी जुनेजा ने नशे पर कार्रवाई के संबंध में चर्चा और वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम जुड़ने को कहा गया PHQ में इस संदेश के बाद हड़कंप मच गया . इतना ही नही कई जिलों में आधी रात को एसपी आफिस खुलवाया गया और सारे अधिकारियों को तलब कर कार्यवाही की जानकारी ली जा रही है ।
मामले में गृह मंत्री विजय शर्मा नशे के खिलाफ बेहद गंभीर है वह इस मामले में किसी भी प्रकार की कोताही नही चाहते चूंकि नशे की वजह से आपराधिक घटनाएं बढ़ रही है अगर अपराधों पर अंकुश लगाना है तो पहले नशे के कारोबार पर नकेल कसने की आवश्यकता है लिहाजा गृहमंत्री विजय शर्मा नशें के खिलाफ फूल एक्शन मोड़ में है ऐसे में पुलिस महकमे में अब बदलाव लाने को तत्काल आवश्यकता है तभी पुलिस विभाग में कसावट आ सकती है।