बिना अनुमति जुलूस, रैली, सभा करने पर होगी कार्रवाई
रायपुर / भारत निर्वाचन आयोग द्वारा छत्तीसगढ़ विधान सभा निर्वाचन 2023 के कार्यक्रम की घोषणा किये जाने के साथ ही आदर्श आचार संहिता लागू हो गई है। अब किसी भी प्रकार की आमसभा, रैली या जुलूस के लिए सक्षम अधिकारी द्वारा अनुमति लिया जाना अनिवार्य कर दिया गया है। रायपुर जिले में शहरी क्षेत्रों की चार विधानसभाओं रायपुर उत्तर, रायपुर दक्षिण, रायपुर पश्चिम और रायपुर ग्रामीण क्षेत्र में इस तरह की अनुमति अतिरिक्त जिलादण्डाधिकारी श्री एनआर साहू देंगे। जिले की तीन अन्य विधानसभाओं आरंग, धरसींवा और अभनपुर में रैली, जुलूस या सभा की अनुमति संबंधित रिटर्निंग ऑफिसरों द्वारा दी जाएगी। बलौदाबाजार विधानसभा क्षेत्र में शामिल तिल्दा के कुछ भाग में जुलूस, सभा और रैली की अनुमति तहसीलदार तिल्दा द्वारा दी जाएगी। विधानसभा निर्वाचन के दौरान विभिन्न स्थानों पर हेलीकॉप्टर लैंडिग और टेकऑफ के लिए भी अनुमति अनिवार्य होगी। हेलीकॉप्टर उतरने और उडने के लिए अनुमति अतिरिक्त जिलादण्डाधिकारी श्री एनआर साहू द्वारा दी जाएगी। स्वामी विवेकानंद विमानतल पर हेलीकॉप्टर लैंडिग को सक्षम अनुमति से छूट रहेगी। जिला दंडाधिकारी डॉ. सर्वेश्वर नरेन्द्र भुरे ने पुलिस अधिनियम 1861 की धारा 30 के विधान सभा निर्वाचन 2023 के निर्वाचन कार्य समाप्ति अर्थात 05 दिसंबर 2023 तक रायपुर जिले में कोई भी आम सभा या जुलूस लिखित अनुमति बगैर नहीं निकालने का आदेश जारी कर दिया है।
राजनैतिक दल या अभ्यर्थी को किसी प्रस्तावित सभा के स्थान और समय के बारे में स्थानीय पुलिस अधिकारियों को पूर्व से ही उपयुक्त समय पर सूचना देनी होगी। ताकि इस दौरान यातायात को नियंत्रित करने और शांति व्यवस्था बनाए रखने के लिए आवश्यक व्यवस्था की जा सके। राजनैतिक दल या अभ्यर्थी को उस दशा में पहले ही यह सुनिश्चित करना होगा कि उस स्थान पर जहां सभा करने का प्रस्ताव है, कोई निर्बन्धात्मक या प्रतिबंधात्मक आदेश (निषेधाज्ञा) लागू तो नहीं है, यदि ऐसे आदेश लागू हों तो उनका कड़ाई के साथ पालन करना होगा। यदि ऐसे आदेशों से कोई छूट अपेक्षित हो तो उनके लिए समय से आवेदन करना होगा और सक्षम छूट लेनी होगी। यदि किसी प्रस्तावित सभा के संबंध में लाउडस्पीकरों के उपयोग या किसी अन्य सुविधा के लिए अनुमति या अनुज्ञप्ति (लाइसेंस) प्राप्त करनी हो तो दल या अभ्यर्थी को संबंधित अधिकारी के पास पहले से ही आवेदन करना होगा और इसकी अनुमति या अनुज्ञप्ति प्राप्त करनी होगी। किसी सभा के आयोजकों के लिए यह अनिवार्य है कि वे सभा में विघ्न डालने वाले या अन्यथा अव्यवस्था फैेलाने का प्रयत्न करने वाले व्यक्तियों से निपटने के लिए ड्यूटी पर तैनात पुलिस की सहायता प्राप्त लेंगे। आयोजकों को स्वयं ऐसे किसी भी व्यक्ति के विरूद्ध कोई कार्यवाही नही करनी चाहिए।
जुलूस का आयोजन करने वाले दल या अभ्यर्थी को पहले ही यह बात तय करना होगा कि जुलूस किस समय और किस स्थान से शुरू होगा, किस मार्ग से होकर जायेगा और किस समय और किस स्थान पर समाप्त होगा, सामान्यतः कार्यक्रम में कोई फेरबदल नहीं होनी चाहिए। आयोजकों को कार्यक्रम के बारे में स्थानीय पुलिस अधिकारियों को अग्रिम सूचना देनी होगी। आयोजकों को यह सुनिश्चित करना होगा कि जिन इलाकों से होकर जूलूस गुजरना है उनमें कोई निर्बंधात्मक आदेश (निषेधाज्ञा) तो लागू नहीं है, जब तक सक्षम प्राधिकारी द्वारा विशेष रूप से छूट न दे दी जाए, उन निर्बंधनों का पालन करना होगा। इस दौरान यातायात के नियमों और निर्बंधनों का भी ध्यानपूर्वक पालन करना होगा।
आयोजकों को जुलूस का इंतजाम ऐसे ढंग से करना होगा जिससे कि यातायात में कोई रूकावट या बाधा उत्पन्न किये बिना जुलूस का निकलना संभव हो सके। यदि जुलूस बहुत लंबा है तो उसे उपयुक्त लंबाई वाले टुकड़ों में संगठित करना होगा ताकि सुविधाजनक अंतरालों पर विशेषकर उन स्थानों पर जहां जुलूस को चौराहों से होकर गुजरना है, रूके हुए यातायात के लिए समय-समय पर रास्ता दिया जा सके और इस प्रकार भारी यातायात के जमाव से बचा जा सके। जुलूसों की व्यवस्था ऐसी होनी चाहिए कि जहां तक हो सके उन्हें सड़क की दायी ओर रखा जाए और ड्यूटी पर तैनात पुलिस के निर्देश और सलाह का कड़ाई के साथ पालन करना होगा।
यदि दो या अधिक राजनैतिक दलों या अभ्यर्थियों ने लगभग उसी समय पर उसी रास्ते या उसके भाग से जुलूस निकालने का प्रस्ताव किया है तो आयोजकों को चाहिए कि वे समय से काफी पहले आपस में संपर्क स्थापित कर ले और ऐसी योजना बनायें जिससे कि जुलूसों में टकराव न हो या यातायात को बाधा न पहुंचे। स्थानीय पुलिस की सहायता संतोषजनक इंतजाम करने के लिए सदा उपलब्ध होगी। इस प्रयोजन के लिए दलों को यथाशीघ्र पुलिस से संपर्क स्थापित करना होगा। जुलूस में शामिल लोगों द्वारा ऐसी चीजें लेकर चलने के विषय में, जिनका अवांछनीय तत्वों द्वारा विशेष रूप से उत्तेजना के क्षणों में दुरूपयोग किया जा सकता हो, राजनैतिक दलों या अभ्यर्थियों को अधिक से अधिक नियंत्रण करना चाहिए। किसी भी राजनैतिक दल या अभ्यर्थी को अन्य राजनैतिक दलों के सदस्यों या उनके नेताओं के पुतले लेकर चलने, उनको सार्वजनिक स्थान में जलाने और इसी प्रकार के अन्य प्रदर्शनों का समर्थन नहीं करना चाहिए।