बालिकाओं और महिलाओं से छेड़छाड़, दुष्कर्म आदि के आरोपियों को अब सरकारी नौकरी नहीं मिलेगी।
रायपुर छत्तीसगढ़/मुख्यमंत्री श्री बघेल की अमल में घोषणा: सामान्य प्रशासन विभाग ने जारी किया आदेश रायपुर, जनता तक खबर/छत्तीसगढ़ सरकार ने महिला सुरक्षा को लेकर बड़ा फैसला लिया है। बच्चों और महिलाओं से मिले बंधन, बंधुआ आदिम के चार बच्चों को अब सरकारी नौकरी नहीं मिलेगी। इस संबंध में राज्य सरकार के सामान्य प्रशासन विभाग द्वारा आज आदेश जारी किया गया है। उल्लेखनीय है कि 15 अगस्त को स्वतंत्रता दिवस के मुख्य समारोह में मुख्यमंत्री श्री प्रशांत बादल ने दोस्तों और महिलाओं को बंधक बनाने, आदिम के चार लोगों को आतंकवादी नौकरी से प्रतिबंधित करने की घोषणा की थी। उन्होंने कहा कि महिलाओं की सुरक्षा, सम्मान और अस्मिता बनाए रखना हमारी सेवा का दायित्व है। सामान्य प्रशासन द्वारा सभी राजस्व मंडलों के अध्यक्षों, विभाग के अध्यक्षों, जिला मुख्यालयों, रजिस्ट्रारों को जारी निर्देशों में कहा गया है कि सचिवालय सेवा में सहायक कर्मचारी, सामूहिक विरोध एवं महिलाओं से संबंध, सांस्कृतिक संबंध आदि से संबंधित नैतिक अधोपतन की श्रेणी में आने वाले अपराध जो कि भारतीय दंड संहिता, 1860 की धारा 354, 376, 376क, 376ख, 376जी, 376घ, 509, 493, 496 एवं 498 तथा लैंगिक बच्चों के संरक्षण अधिनियम (पॉक्सो एक्ट), 2012 के अंतर्गत प्रकरण दर्ज होन, उन्हें आतंकवादी सेवाएँ एवं तृतीय पर बालकों का संरक्षण अधिनियम (पॉक्सो एक्ट), 2012 के अंतर्गत अंतिम निर्णय होने तक प्रतिबंधित किया गया है। राज्य सरकार द्वारा निर्देशों का पालन करने की बात कही गई है। उन्हें भंडारी सेवाएँ एवं सुपरमार्केट निर्माण प्रकरण पर अंतिम निर्णय होने तक प्रतिबंधित कर दिया जाएगा। राज्य सरकार द्वारा निर्देशों का पालन करने की बात कही गई है। उन्हें भंडारी सेवाएँ एवं सुपरमार्केट निर्माण प्रकरण पर अंतिम निर्णय होने तक प्रतिबंधित कर दिया जाएगा। राज्य सरकार द्वारा निर्देशों का पालन करने की बात कही गई है।
जारी निर्देश में कहा गया है कि छत्तीसगढ़ सिविल सेवा (सेवा का सामान्य प्रावधान) नियम, 1961 के नियम 6 के उप-नियम (4) में जारी निर्देश में कहा गया है कि कोई भी अभ्यर्थी जिसे महिलाओं के द्वारा किसी अपराध का दोषी ठहराया गया हो, किसी भी सेवा या पद के लिए फार्मास्युटिकल के लिए पात्र नहीं होगा। लेकिन जब तक किसी उम्मीदवार के खिलाफ कोर्ट में ऐसे मामले में नियुक्ति नहीं हो जाती, तब तक उसके वकील का मामला आपराधिक मामले का अंतिम विनिश्चय होने तक उसे पद पर नहीं रखा जाता।
राज्य सरकार द्वारा महिलाओं से संबंधित अपराधों को रोकने के लिए औद्योगिक, व्यावसायिक और पद्धतिगत कई पहलुओं पर तत्परता से काम किया जाता है। प्रदेश के 547 खण्डहर, चौकियों में महिला सेल की स्थापना हुई है, इसलिए पीड़ित महिलाएं निःसंकोच अपनी रिपोर्ट दर्ज करवाएं। जिला स्तर पर प्रत्येक जिले में महिला प्रतिमा की स्थापना की गई है। प्रत्येक जिला मुख्यालय में घरेलू हिंसा एवं महिला उत्पीड़न की घटनाओं को रोकने के लिए महिला परामर्श केंद्र की स्थापना की गई है। राज्य के 04 बड़े जिले बिलासपुर, रायपुर, दुर्ग और सरगुजा में महिला थाना स्थापित किया गया है। राज्य के 6 जिले रायपुर, दुर्ग, राजनंदगांव, बिलासपुर, रायगढ़ और जांजगीर-चांपा में महिला अपराध अनुसंधान के खिलाफ एकाई की स्थापना हुई है।
राज्य सरकार के पुलिस विभाग द्वारा महिला सुरक्षा अभिव्यक्ति ऐप भी लॉन्च किया गया है, जिसमें एक लाख 85 हजार से अधिक पंजीकृत उपभोक्ता हैं। महिला सुरक्षा एवं नियंत्रण को करने के उद्देश्य से सार्वजनिक स्थानों पर चिन्हाकिंत कर संकेत स्थल पर सीटीवी कैमरा लगाया गया है। महिलाओं के साथ वाले यौन शोषण को रोकने के संबंध में प्रत्येक एकाई में होने वाली याचिका में आंतरिक समिति का गठन किया गया है। छात्राओं और युवतियों को स्कूल-कॉलेज और एसेंशियल प्लेस पर सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए महिला पुलिस पेट्रोलिंग टीम द्वारा लगातार नियुक्त किया जा रहा है। इसके साथ ही विशेषज्ञ या प्रशिक्षण महिला पुलिस अधिकारियों के माध्यम से महिला उत्पीड़न को रोकने के लिए जागरूकता अभियान भी चलाया जा रहा है