महिलाओं की आर्थिक सशक्तिकरण का बेमिसाल उदाहरण: सेरीखेड़ी में संचालित कल्पतरू मल्टीयुलिटी सेंटर

महिलाओं की आर्थिक सशक्तिकरण का बेमिसाल उदाहरण: सेरीखेड़ी में संचालित कल्पतरू मल्टीयुलिटी सेंटर
महिलाओं की आर्थिक सशक्तिकरण का बेमिसाल उदाहरण: सेरीखेड़ी में संचालित कल्पतरू मल्टीयुलिटी सेंटर
 
सिर्फ साबून बेचकर 90 हजार रूपये से अधिक की हर महीने आमदनी
 
बड़े मॉल से लेकर सी-मार्ट तक में बिक रहे उत्पाद


रायपुर /  ग्रामीण महिलाओं के अर्थिक सशक्तिकरण के बेमिसाल उदाहरण के रूप में रायपुर जिले के कल्पतरु मल्टीयूटिलिटी संेटर सेरीखेड़ी अपनी ख्याति सर्वत्र बिखेर रहा है। विभिन्न विभागों के समन्वय से यहां कई - तरह की आर्थिक गतिविधियों का संचालन किया जा रहा है। इनसे करीब दो सौ से अधिक महिलाओं को रोजगार मिल रहा है। इस सेंटर में बदलते समय के अनुरूप अनेक आर्थिक गतिविधियों को शुरु किया गया है।

सेंटर में विभिन्न विभागों के समन्वय से कई नवीन गतिविधियों को प्रारंभ किया गया है। सेंटर में विभिन्न प्रकार के आय उपार्जक गतिविधियों के लिए पृथक से वर्किग शेड का निर्माण पंचायत एवं विभागीय समन्वय जैसे मनरेगा, एस.बी.एम. योजना के सहयोग से कराया गया है। ग्रामीण महिलाओं के लिए जो आय उपार्जक कार्य करना चाहती है, उनके प्रशिक्षण हेतु पुथक से भवन तैयार किया गया है। जहां एन.आर.एल.एम एवं विभागीय प्रशिक्षणों का आयोजन किया जाता है। जिसमें रायपुर सहित प्रदेश के अन्य जिलों में समूहों के सदस्यों को प्रशिक्षण प्रदान कर उनका कौशल उन्नयन किया जाता है तथा उनका भ्रमण कराया जाता है।

उजाला ग्राम संगठन द्वारा संचालित साबुन यूनिट में कार्यरत दीदीयों ने बताया कि बिहान से जुड़कर उन्हें अपने एवं परिवार तथा समाज के लिए कुछ अच्छा काम करने का मन बना। संस्कार स्व-सहायता समूह की अध्यक्ष श्रीमती डुमन साहू एवं आशा स्व-सहायता समूह की सदस्य श्रीमती खिलेश्वरी ने बताया की वे पिछले तीन साल से साबुन यूनिट में काम कर रही है। साबुन यूनिट से बहुत आमदनी होने लगी है। प्रतिमाह लगभग 90 हजार रूपये से अधिक की आमदनी होती है। साबुन यूनिट में चारकोल, रोज, लेमन, ऐलोवेरा, नीम, तुलसी, गोट मिल्क, केमल मिल्क, मुल्तानी मिट्टी, चंदन पावडर ,हनी ,अपराजीता ,लेमनग्रास, हल्दी पावडर,  सिन्दूर पावडर, बेबी सोप सहित विभिन्न रंगों में भी साबुन बनाये जाते हैं।

उन्होेंने यह भी बताया कि उत्पादों को विक्रय करने में कोई दिक्कत नही होती है। मैग्नेटो मॉल, छत्तीसगढ़ संजीवनी, सी-मार्ट, स्थानीय बाजारों एवं समय-समय पर लगाए जाने वाले सरस मेला आदि मे आसानी से विक्रय हो जाता है। उन्होंने बताया कि साबून बनाने के लिए आवश्यक सामाग्री अहमदाबाद एवं दिल्ली से मंगाते है। इसे बनाना काफी आसान भी है। साबुन  बेस, हर्बल कलर, इसेंस, फ्रेगरेंस और मोल्ड की जरूरत होती है। एक निश्चित अनुपात में मिलाकर ओवन में मेल्ट करने के बाद मोल्ड में ठंडा होने के लिए रख देते है। कुछ समय बाद साबुन तैयार हो जाता है। प्राप्त आमदनी से सभी दीदीयों के घरों में खुशहाली आयी है तथा परिवार में उनका मान सम्मान बढ़ा है। दीदियों ने बताया कि प्राप्त आय से किसी ने अपने घर बनाने में मदद की, तो किसी ने बच्चे की पढ़ाई में, किसी ने स्कूटी खरीदा। इसी तरह सभी दीदियों ने अपने आय का सदुपयोग कर घर के आवश्यक जरूरतों को पूरा करने में अपना हाथ बंटाया है। दीदियो ने राज्य सरकार के प्रति आभार जताते हुए उन्हें धन्यवाद ज्ञापित भी किया ।