‘एक था टाइगर’ से ‘पठान’ तक इतना बदल गया स्पाई यूनिवर्स!
‘एक था टाइगर’ से ‘पठान’ तक इतना बदल गया स्पाई यूनिवर्स!
शाहरुख खान स्टारर ‘पठान’ थिएटर्स में जो धमाका कर रही है, उसकी चर्चा हर तरफ है. बुधवार को रिलीज हुई फिल्म हर दिन अपनी कमाई से चौंका रही है. थिएटर्स में ‘पठान’ के शोज में नाचते-गाते शोर मचाती जनता के वीडियो सोशल मीडिया पर थोक के भाव वायरल हो रहे हैं. कुल जमा बात ये है कि शाहरुख का भौकाल इस समय फुल टाइट है और पूरा सिनेमाई माहौल ही ‘पठान-मय’ हो चुका है.
मगर इसी बीच कुछेक बागी सुर भी उठ रहे हैं और बीच-बीच में सोशल मीडिया पर स्क्रॉल करते हुए कोई ट्वीट या पोस्ट दिख जाता है जिसका निचोड़ ये होता है कि ‘पठान उतनी भी मजेदार नहीं है’. शाहरुख या ‘पठान’ फैन्स को यकीनन ऐसी बात रास तो नहीं आ रही होगी. लेकिन एक बार ठहर कर, पीछे मुड़कर देखना जरूरी है कि ‘पठान’ पर उठे इस सवाल में वजन कितना है?
‘पठान’ एक विशुद्ध एक्शन बॉलीवुड मसाला एंटरटेनर है. ऊपर से शाहरुख 4 साल बाद बतौर हीरो कमबैक कर रहे हैं. ‘पठान’ यश राज फिल्म्स के स्पाई यूनिवर्स को जोड़ने वाली पहली बड़ी कड़ी भी है. फिल्म में शाहरुख पहली बार धांसू एक्शन अवतार में हैं, साथ में शाहरुख हैं और देशभक्ति का फुल डोज है. इसलिए किसी दूसरी इंडस्ट्री या बॉलीवुड की ही किसी दूसरी एक्शन एंटरटेनर की नजर से इसे देखा जाना अपने आप में एक गलत तुलना होगी.
बेहतर ये होगा कि इसे यश राज फिल्म्स के स्पाई यूनिवर्स की बाकी फिल्मों के पैमाने पर ही तौला जाए. और इस नजर से देखने पर समझ आता है कि 2012 में आई पहली स्पाई यूनिवर्स फिल्म ‘एक था टाइगर’ से लेकर ‘पठान’ तक कुछ नोट करने लायक बदलाव तो आए हैं. आइए बताते हैं वो बदलाव क्या हैं:
एक था टाइगर (2012)
स्पाई यूनिवर्स की पहली फिल्म ‘एक था टाइगर’ कबीर खान के डायरेक्ट की थी. कबीर का अपना एक स्टाइल है और वो मसाला फिल्म के बीच में एक रियल वर्ल्ड ट्रीटमेंट बनाए रखने की कोशिश करते हैं. ‘एक था टाइगर’ शुरू होते ही क्रेडिट्स में आपको स्पीकर-फाड़ म्यूजिक नहीं सुनाई देगा. रणवीर शौरी की आवाज में आपक्को पता लगता है कि ये एक जासूस की कहानी है. सस्पेंस भरे, धीमी गति से चलते म्यूजिक के साथ स्क्रीन पर ईराक के कुछ लैंडस्केप शॉट नजर आते हैं और कलाकारों के क्रेडिट्स चलते रहते हैं. क्रेडिट्स खत्म होते ही फ्रेम में एक तरफ से सलमान खान हाथ में गन लिए आते हैं और आपकी तरफ पीठ किए खड़े हो जाते हैं. सलमान के टाइगर किरदार का आइकॉनिक म्यूजिक पहली बार तब सुनाई देता है.
सलमान खान और अंग्रेजी का शब्द ‘सटल’ (Subtle) वैसे तो एक साथ बहुत जंचते नहीं. लेकिन कबीर खान ने टाइगर की पहली फिल्म में एक हद तक कहानी के ट्रीटमेंट में ये ‘सटल’ एलिमेंट और कैजुअल एलिगेंस बनाए रखी. इंडियन सिनेमा के लेजेंड्स में से एक स्वर्गीय गिरीश कर्नाड के लिए फिल्म में खाना बनाते सलमान हों या फिर उनका तोड़फोड़ एक्शन भरे मिशन से लौटकर, आम जिंदगी से दूध लेना और शादी के लिए लड़कियों से मिलना. ये सब ‘एक था टाइगर’ के सबसे मजेदार हिस्से थे.
और ये तो आपको जरूर याद होगा कि इस फिल्म का एक बड़ा हिस्सा भारत-पाकिस्तान के दो जासूसों की लव स्टोरी पर बेस्ड था. ‘एक था टाइगर’ शुरू देश के लिए किए गए मिशन से होती है और लव स्टोरी इसमें कनफ्लिक्ट पैदा कर रही थी. इस फिल्म में हैंड टू हैंड कॉम्बैट और फाइट सीन्स वाला रॉ एक्शन ज्यादा था, ग्राफिक्स बेस्ड एक्शन की भरमार नहीं थी. इस ट्रीटमेंट का ही कमाल था कि जनता फिल्म और सलमान के टाइगर किरदार की डाई-हार्ड फैन हो गई. कोई हैरत की बात नहीं है कि ये सलमान की पहली फिल्म थी जिसने 200 करोड़ के एकदम करीब, 199 करोड़ रुपये का इंडिया कलेक्शन किया.