चिरायु से सार्थक को मिला नया जीवन, परिजनों के चेहरे में आई रौनक

चिरायु से सार्थक को मिला नया जीवन, परिजनों के चेहरे में आई रौनक
चिरायु से सार्थक को मिला नया जीवन, परिजनों के चेहरे में आई रौनक

रायपुर न्यूज /  गरीब बच्चों के लिए चिरायु वरदान साबित हो रही है। जन्म से विकृत बच्चों को चिरायु के माध्यम से संजीवनी प्रदान मिल रही है। चिरायु टीम ने आरंग के बोरिद गांव में एक नवजात शिशु के आॅपरेशन में ने सफलता हासिल की है। तीन माह के सार्थक के दोनों पैर जुड़े होने के संबंध में आंगनबाड़ी कार्यकर्ता के माध्यम से चिरायु टीम को जानकारी मिली। टीम ने तुरंत बच्चे का उपचार शुरू किया। इस दौरान पता चला कि बच्चा क्लब फुड से ग्रसित है। बच्चे को डीकेएस अस्पताल में उपचार कराया गया। विशेषज्ञ चिकित्सकों ने जांच के बाद आॅपरेशन करने की सलाह दी। इस दौरान परिजनों ने आॅपरेशन करने से मना कर दिया। काफी समय तक आॅपरेशन के लिए तैयार नहीं हुए। कलेक्टर डाॅ. गौरव सिंह के मार्गदर्शन और सीएमएचओ श्री मिथिलेश चैधरी के निर्देश पर राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम के तहत बच्चे का इलाज संभव हुआ और चिरायु टीम के अथक प्रयास और परिजनों को मनाने के बाद इलाज के लिए तैयार हुए। हर सप्ताह बच्चे को अस्पताल लाया गया। अब बच्चे का आॅपरेशन भी हो गया है और बच्चा पूरी तरह से ठीक हो चुका है और स्वस्थ है। इस सफलपूर्वक आॅपरेशन के बाद परिजन खुश है और जिला प्रशासन के प्रति भी आभार जताया है।

अब दौड़ रही भेजकुमारी, सांस भरने की तकलीफ हुई दूर
 
चिरायु के सफलतापूर्वक उपचार के बाद 9 साल की भेजकुमारी का जीवन स्वस्थ हो गया है। प्राथमिक शाला चरौदा में भेजकुमारी का स्वास्थ्य परीक्षण किया गया। जिसमें दूसरी कक्षा में पढ़ने वाली भेजकुमारी के हृदय में असामान्य गति पाई गई। भेजकुमारी ने बताया कि वह अक्सर जल्द थक जाती है और जल्दी सांस भर जाता है। कभी-कभी सीने में भी दर्द होता है। बालिका की स्थिति को देखते हुए हाॅस्पिटल में भर्ती कराया गया और सफलपूर्वक आॅपरेशन किया गया। अब भेजकुमारी पूरी तरह से स्वस्थ हो चुकी है और परिजनों को भी खुशी है कि लंबे समय की बीमारी से बच्ची को निजात दिलाई गई।