किशोरों के लिये न्याय कानून की किताबों तक सीमित नहीं, अब धरातल पर भी प्रभावी रूप से लागू होगा" श्री संतोष शर्मा, जिला एवं सत्र न्यायाधीश रायपुर 

किशोरों के लिये न्याय कानून की किताबों तक सीमित नहीं, अब धरातल पर भी प्रभावी रूप से लागू होगा" श्री संतोष शर्मा, जिला एवं सत्र न्यायाधीश रायपुर 
किशोरों के लिये न्याय कानून की किताबों तक सीमित नहीं, अब धरातल पर भी प्रभावी रूप से लागू होगा" श्री संतोष शर्मा, जिला एवं सत्र न्यायाधीश रायपुर 


माननीय उच्चतम न्यायालय, राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण, छ.ग. राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण बिलासपुर के कार्यपालक अध्यक्ष तथा माननीय छ.ग. उच्च न्यायालय के न्याय मूर्ति माननीय श्री गौतम भादुड़ी जी के निर्देशानुसार तथा माननीय श्री संतोष शर्मा, जिला न्यायाधीश / अध्यक्ष, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण रायपुर के मार्गदर्शन में जिला विधिक सेवा प्राधिकरण रायपुर एवं जिला महिला एवं बाल विकास विभाग के संयुक्त तत्वावधान में इस वर्ष की प्रथम किशोर न्याय (बालकों के देखरेख एवं संरक्षण) अधिनियम 2015 एवं लैंगिक अपराधों से बालकों का संरक्षण अधिनियम 2012 एवं बाल अधिकार पर जिला विधिक सेवा प्राधिकरण रायपुर के सभाकक्ष में एक दिवसीय प्रशिक्षण का आयोजन किया गया। जिसकी अध्यक्षता श्रीमती अपूर्वा दांगी, प्रधान मजिस्ट्रेट, किशोर न्याय बोर्ड रायपुर द्वारा की गई। जिसमें प्रधान मजिस्ट्रेट श्रीमती अपूर्वा दांगी ने किशोर न्याय अधिनियम की पूरी प्रक्रियाओं को सरल एवं सहज रूप से वर्णन किया। किशोर न्याय अधिनियम के संबंध में विभिन्न विभागों से सामंजस्य स्थापित करते हुये हर उस बालक तक न्याय पहुंचाने की बात कही। चिकित्सा विभाग से वरिष्ट डॉ. प्रीति ने यह बताया कि यदि बच्चों के साथ कोई लैंगिक अपराध घटित हो और जिसके कारण गर्भाधारण हो जाता है। तो माननीय सर्वोच्च न्यायालय, माननीय उच्च न्यायालय के निर्देश और कानूनों के प्रावधानों के तहत कैसे कार्यवाही की जाती है के बारे में विस्तृत रूप से बताया। किशोरों का मेडिकल परीक्षण और स्वास्थ्य परीक्षण किस प्रकार किया जाता है यह जानकारी दी गई। श्रीमती निशा मिश्रा जिला कार्यक्रम अधिकारी जिला महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा यह बताया गया कि. उनका विभाग किशोर न्याय अधिनियम के प्रावधानों के पालन में समग्र रूप से कार्य कर रहा है और अधिक से अधिक बच्चों से जुड़े पुनर्वास जैसे प्रकरणों के निराकरण में सहयोग कर रहा है। सुश्री ललिता मेहर, उप पुलिस अधीक्षक पुलिस विभाग ने बताया कि किशोरों से जुड़े अपराध एवं कार्यवाही के दौरान बरते जानेवाली सावधानी और माननीय उच्च न्यायालय की गाईडलाईन का पालन करते हुये पुलिस विभाग किस प्रकार बच्चों के मामले में संवेदनशील रूख अपनाता है। श्री ए.के. कुजूर, सहाश्रम आयुक्त श्रम विभाग ने बताया कि किस तरह बालश्रम और भिक्षावृत्ति जैसे संवेदनशील मामलों में श्रम विभाग किस तरह जागरूकता फैलाने के साथ साथ परिवार के सदस्यों के द्वारा नाबालिग से श्रम कराया जाना भी अपराध की श्रेणी में आना बताया। उन्होंने यह भी बताया कि अपराध करनेवाले किशोरों के संबंध में उनके कौशल विकास को बढ़ावा देने के लिये कार्य कर रहा है। श्री आशीष श्रीवास्तव चीफ लीगल एड डिफेंस कौसिंल सिस्टम विभाग द्वारा जिला विधिक सेवा प्राधिकरण की सुविधाओं और निःशुल्क विधिक सहायता के बारे में अवगत कराया गया साथ ही साथ लीगल एड डिफेंस कौसिल सिस्टम के माध्यम से ऐसे वर्ग जो अभियुक्त की श्रेणी में आते हैं उनके लिये किस तरह निःशुल्क अधिवक्ता प्रदान करते हुये हर वर्ग को उनके प्रकरण में न्याय दिलाने का कार्य किया जा रहा है। माननीय श्री प्रवीण मिश्रा, वरिष्ठ न्यायाधीश / सचिव, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण ने कहा कि जिले में प्रथम किशोर न्याय अधिनियम / बाल अधिकार संरक्षण / लैंगिक अपराधों से बालकों का संरक्षण के बारे में जिला विधिक सेवा प्राधिकरण अन्य सभी विभागों के साथ सामजस्य बैठाकर निरंतर कार्य कर रहा है। लैंगिक अपराधों के मामलों में पीड़ित क्षतिपूर्ति के प्रावधान से हर पीड़ित को न्याय पहुंचाने का कार्य कर रहा है। माननीय प्रवीण मिश्रा ने यह भी कहा कि किशोरों से जुड़े मामलों में इन सभी विभागों को किशोरों की सर्वोच्च हित को प्राथमिकता देते कानून की जानकारी ही नहीं बल्कि इस कानून के माध्यम से हमारे समाज के किशारों को समाज की मुख्य धारा में समाज के भविष्य के लिये तत्परता से जमीनी स्तर पर कार्य करना है। हम सभी न्याय पालिका और सभी अधिकारीगण विभिन्न विभागों का प्रतिनिधित्व करते हुये अपने कर्तव्यों का निर्वहन कर रहे हैं। आज के समय में हमें कानूनों और शासन की योजनाओं को उस हर वर्ग हर पीड़ित और हर उस पक्षकार तक पहुंचाना होगा, जिससे हम नालसा की "न्याय सब के लिये" के लक्ष्य को प्राप्त कर पाये। कार्यक्रम के अंत में आदरणीय न्यायाधीश श्री हर्षवर्धन जायसवाल जी के द्वारा प्रशिक्षण कार्यक्रम में विशेष रूप से जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, जिला महिला एवं बाल विकास एवं अन्य सभी विभाग को मिलकर जागरूकता फैलाने के लिये प्रेरित किया एवं उपस्थित सभी माननीय न्यायाधीशगण अधिकारीगण, पैरालीगल वालेंटियर्स, कर्मचारीगण एवं सभी विभागों के प्रति आभार व्यक्त किया।मंच संचालन श्री आशुतोष तिवारी जी,विधिक सलाहकार द्वारा किया गया।उक्त कार्यक्रम में सभी पैरालीगल वालंटियर्स,जिला विधिक के कर्मचारीगण,अन्य सभी विभागों से कर्मचारीगण बड़ी मात्रा में उपस्थित थे जिससे कार्यक्रम का सफल आयोजन किया गया।