अग्रवाल व शर्मा बंधुओं ने मिलकर आदिवासी की जमीन पर किया कब्जा
ब्रेकिंग न्यूज / अग्रवाल व शर्मा बंधुओं ने मिलकर आदिवासी की जमीन पर किया कब्जा, मालूम हो कि छत्तीसगढ़ रायपुर के भनपुरी - टाटीबंध रिंग रोड पर स्थित एक आदिवासी की पुस्तैनी जमीन को हड़पने की नीयत से कुछ लोगों द्वारा अवैध कब्जा कर बांउड्री वाल किया जाना पाया जा रहा है आपको बताते चलें कि आदिवासी उत्तम ध्रुव की पुस्तैनी जमीन भनपुरी - टाटीबंध रिंग रोड पर है उक्त जमीन को जबरदस्ती अग्रवाल व शर्मा बंधुओं द्वारा बिना दस्तावेज के आदिवासी जमीन हड़पने की नीयत रखते हुए कब्जा किया जा रहा है ज्ञात हो कि पीड़ित आदिवासी उत्तम ने बताया कि मेरी पुस्तैनी जमीन है जिसका खसरा नंबर 73/3 है जो राजस्व विभाग में कई वर्षों (पूर्व) से सभी दस्तावेजों के आधार पर दर्ज़ हैं मेरा खसरा बी-1,बी 2, नक्शा - खसरा बटाकंन,सीमांकन सब सही होने पर भी कुछ असामाजिक तत्वों (अग्रवाल व शर्मा बंधुओं) द्वारा अवैध रूप से मेरी जमीन को हड़पने की नीयत से कब्जा कर रहे हैं पीड़ित ने बताया कि मैंने अपनी जमीन पर कांटा तार से बाउंड्री वॉल किया गया था पर रातों - रात असामाजिक तत्वों (अग्रवाल व शर्मा बंधुओं) द्वारा कांटा तार बांउड्री वाल को हटाकर अवैध बांउड्री वाल दिवाल खडी कर दिऐ जाने पर, पीड़ित ने अपनी जमीन पर बने अवैध बांउड्री वाल दिवाल गेट पर अपना खसरा नंबर 73/3 ,भू- स्वामी का नाम व अपना संपर्क नंबर लिखकर अवगत कराया गया कि यह जमीन आदिवासी उत्तम व परिवारजनों की है परन्तु कुछ दिनों बाद ही असामाजिक तत्वों (अग्रवाल व शर्मा) ने पीड़ित आदिवासी उत्तम द्वारा चस्पा किया गया भू स्वामी का नाम, संपर्क नंबर लगाया लिखा गया था उसे मिटाते हुए असामाजिक तत्वों ने आदिवासी की जमीन पर अपना खसरा नंबर 73/5 रकबा 0,1010 भूमि का मालिकाना हक संपर्क नंबर 8973303333 चस्पा कर दिया गया ,पीड़ित ने जब उक्त नम्बर पर सम्पर्क किया तो संतुष्ट जनक जानकारी ना देकर जमीन खाली कर देने की धमकी दी गई जिस पर पीड़ित आदिवासी ने शासन प्रशासन को इस संबंध में सूचना, शिकायत कर न्याय की गुहार लगाई परंतु आज तक असामाजिक तत्वों द्वारा कि गई अवैध कब्जा को पीड़ित आदिवासी को नहीं दिला सकी, पीड़ित आदिवासी न्याय पाने न्यायालय के चक्कर पर चक्कर काटने पर मजबुर है ज्ञात हो कि एक ओर संविधान में आदिवासी एक्ट 1974 के तहत कोई भी अन्य समाज- व्यक्ति आदिवासियों का दमन - दबाव कर उनकी जमीन ना हड़प सकें तथा आदिवासियों की जमीन सुरक्षित रखा जा सके विशेष नियम बनाए गए हैं वहीं दूसरी ओर कुछ ऐसे भी असामाजिक तत्व है जो बनाई गई संविधान- विशेष नियमों को दरकिनार कर बेधड़क आदिवासियों की जमीन हड़पने से पीछे नहीं हट रहे, पीड़ित ने बताया कि अगर मुझे न्याय नहीं मिलती है तो मैं आत्मदाह करने पर विवश हो जाऊंगा जिसकी संपूर्ण जिम्मेदारी मेरी जमीन पर अवैध कब्जा करने वाले अग्रवाल व शर्मा बंधु लोग व शासन प्रशासन होंगे, पीड़ित ने यह भी बताया कि उनके द्वारा हर जगह न्याय पाने गुहार लगाई गई है पर असमाजिक तत्व के लोग पैसों के दम पर, राजनीति दबाव बनाकर मेरी जमीन को हड़पने की भरपूर कोशिश किया जा रहा है। राजधानी हलचल टीम ने पीड़ित आदिवासी की जमीन के दस्तावेज की बारीकियों को जाना तो पता चला कि वास्तविकता में यह जमीन पीड़ित आदिवासी की पुस्तैनी जमीन ही है, पीड़ित आदिवासी के जमीन पर कब्जा किया जाना कई सवालों को पैदा कर रही है देखना यह है कि पीड़ित आदिवासी को कब न्याय मिल पायेगा, और दोषियों को सजा ।।